हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने "चलते वाहनों में नमाज पढ़ने" पर एक जनमत संग्रह का जवाब दिया, जो दिल चस्पी रखने वाली जमाअतो के लिए पेश किया जा रहा है।
चलती गाड़ी में नमाज़ पढ़ने का क्या हुक्म है?
प्रश्न: क्या चलते वाहनों में फ़र्ज (वाजिब) नमाज़ पढ़ना सही है?
उत्तरः इबादत की जगर स्थिर (बे हरकत) होना चाहिए, अर्थात ऐसा होना चाहिए कि इबादत करने वाले को मन की शांति के साथ और बिना हिले-डुले इबादत कर सके। लिहाज़ा ऐसी जगहो पर नमाज़ पढ़ना सही नही है जिसकी वजह से शरीर गैरे इरादी तौर पर हरकत करे जैसे कि कार और ट्रेन, सिवाय इसके कि समय की कमी या अन्य इसी तरह के कारण ऐसी जगहों पर नमाज अदा करने के लिए मजबूर हो।